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किस्मत का ताला खोलने का उपाय

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किस्मत/भाग्य का ताला खोलने का उपाय

भाग्य जगाने के टोटके/ मंत्र, किस्मत का ताला खोलने का उपाय, किस्मत बदलने के उपाय- कहते हैं, भगवान जब देता है, छप्पड फाड़ के देता है और जब वसूलने पर आ जाए तो चैखट किवाड़ भी उखाड़ लेता है। यानि अगर आपकी किस्मत अच्छी है तो नौकरी हो या अपना व्यवसाय हर जगह सफलता कदम चूमेगी। अगर किस्मत रूठ जाए तो आप कितने भी पढ़े लिखे हों, मेहनती हों उन्नति नहीं होती। वैसे कर्मवाद और भाग्यवाद का झगड़ा बहुत पुराना है। फिल्म विधाता के एक गीत में खूबसूरती से व्यक्त किया गया है, इसमें एक मित्र कहता है हाथों की चंद लकीरों का सब खेल है बस तकदीरों का, इसके जवाब में दूसरा मित्र कहता है -तकदीर भला मैं क्या जानूं मैं आशिक हूं तदबीरों का। अभिप्राय यह कि सिफ भाग्य अर्थात तकदीर या सिर्फ कर्म अथवा तदबीर के सहारे जिंदगी नहीं चलती। इसमें दोनो का संतुलन आवश्यक है।

किस्मत का ताला खोलने का उपाय
किस्मत का ताला खोलने का उपाय

तथापि, जो किस्मत के धनी हैं वह कम कुशल होते हुए भी शीर्ष पर पहुंच जाते हैं। इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता। ऐसे लोगों को हम साधारण बोलचाल की भाषा में ‘तकदीर का सांड’ कहते हैं। परंतु प्रत्येक व्यक्ति तकदीर का सांड नहीं होता। परंतु इसका यह अर्थ नहीं कि हम हार मान कर बैठ जाएं और तकदीर को कोसते रहें।  कई बार ऐसा भी होता है कि मनुष्य अपने प्रयास तथा आध्यात्मिक बल, सकारात्मक सोच आदि से अपनी किस्मत को पलट देता है। धर्मशास्त्रों में ऐसे लोगों को पुरूषार्थी कहा गया है। इसके अलावा ज्योतिष विद्या में कुछ ऐसे टोटकों का वर्णन भी है जिसकी सहायता से किस्मत पर पड़ी धूल साफ किया जा सकता है।

यहाँ यह भी ध्यान दिये जाने की जरूरत है कि जब आप कहते हैं ‘मेरी तो किस्मत ही खराब है’ तो इसका आशय क्या है| क्योंकि, किस्मत का कहर जीवन के किसी भी हिस्से पर टूट सकता है| इसलिए आर्थिक स्थिति, स्वास्थ्य, शिक्षा, परीक्षा में सफलता, प्रेम, दाम्पत्य जीवन, संतान सुख आदि जहां भी आपको दुर्भाग्य का कुचक्र प्रतीत हो, फौरन योग्य ज्योतिषी से कुंडली की जांच करवाकर ग्रह दोषों की शांति करवाएँ| अधिकांश समस्या का हल तभी हो जाएगा|

किस्मत बदलने के उपाय

घर तथा अपने आस-पास सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह के लिए कुछ टोने आजमाए जा सकते हैं। इन में से कुछ को अपनी दिनचर्या में शामिल कर लेना श्रेष्ठ रहता है। स्मरण रखें, टोटके गणित के नियम पर आधारित नहीं होते न कार्य कारण सिद्धांत पर होते हैं। टोटके मात्र आपके मनस को व्योम में घूमने वाली सकारात्मक अथवा नकारात्मक तरंगों से जोड़ देती है, जिसका अच्छा या बुरा परिणाम आपके सामने होता है। परिणाम कब कितने दिन में निकलेगा यह आपकी मानसिक शक्ति, एकाग्रता तथा लक्ष्य के प्रति एकनिष्ठ झुकाव पर निर्भर करती है। इसलिए किसी टोटके को आजमाने से पूर्व कुछ मानसिक तथा व्यावहारिक तैयारी आवश्यक है। उदाहरण के लिए –

1 अपने स्वभाव का विश्लेषण करें। क्या आप चिड़चिड़े, घर तथा दफ्तर में लोगों को दबाकर रखते हैं। उन पर गरजते बरसते हैं। यदि ऐसा है तो यकीन मानिये जितने लोग आपसे पीड़ित हैं, वह सभी दुखी आत्माएं आपको कोसते हुए बद्दुआएं दे रही हैं। इसलिए अपना व्यवहार संयमित रखें। बिना बुरा बर्ताव किये हुए अधीनस्थ को नियंत्रित करने की कोशिश करें। प्रसन्नचित्त रहने की कोशिश करें। पहले यह सायास करना होगा। फिर बादा में इसकी आदत बन जाएगी। मन प्रसन्न तो नए अवसर की समझ, समस्या-समाधान के तरीके अपने आप निकल आएंगे।

2- स्वच्छता रखें: कार्य स्थल तथा घर दोनों स्थानो पर साफ सफाई रखें| इससे मन अवसादग्रस्त नहीं होता, ध्यान रखें आपकी दुकान, फैक्ट्री के द्वार के सामने कोई थूके नहीं अथवा मल-मूत्र त्याग न करे|

3-खुद पर भरोसा रखते हुए प्रयास करें तथा यह होकर रहेगा विचारते रहें| लगातार मिल रही असफ़लताओं से इंसान इतना टूट जाता है कि काम मिलने से पहले ही सोचने लगता है कि वह कर पाएगा या नहीं| यह काम मिलेगा या नहीं| यह संशय की स्थिति होने वाले काम को भी बिगाड़ देती है|

  1. प्रति दिन स्नानादि से निवृत होकर उगते हुए सूर्य को तांबे के लोटे में जल, लाल पुष्प तथा कुमकुम आदि लेकर अध्र्य दें।
  2. गृहणियां प्रतिदिन स्नान के बाद तांगे के लोटे में जल लेकर मुख्यद्वार पर उढेल दें तथा लक्ष्मीजी को अपने यहां पधारने के लिए, स्थायी वास के लिए प्रार्थना करें।
  3. एक लोटे में जल तथा कच्चा दूध मिश्रित कर रात को अपने सिरहाने रख सो जाएं, प्रातः काल किसी बबूल के जड़ में उस जल को चढ़ां दें।
  4. मछलियों को प्रति दिन आटे की गोली बनाकर खिलाएं।
  5. एकादशी का व्रत तथा दान-पुण्य करें।
  6. अमावास्या को तिथि में गौ अथवा गरीब को भोजन करवाएं।
  7. फूल वाली लौंग तथा कपूर, दोनो मिलाकर जला लें तथा उसका भस्म चुटकी में लेकर दो तीन दिन खाएं।
  8. भैरव मंदिर में भैरव चालीसा का पाठ करें।
  9. शुक्रवार के दिन दुकान से ताला खरीदें। स्मरण रखें खरीदते वक्त वह बंद होना चाहिए। उसे दुकानदार द्वारा खोलने से मना कर दें तथा खुद भी न खोलें। उस रात उसे अपने बिस्तर के पास रखकर सो जाएं। अगले दिन यानि शनिवार को प्रातः उठकर स्नान पूजा के बाद उस ताले को किसी मंदिर या धर्म स्थल पर रख दें तथा पीछे पलटकर देखे बिना वापस घर आ जाए।
  10. कई बार बदकिस्मती का कारण वास्तु दोष भी होता है| नए घर में प्रवेश करने से पूर्व सुंदर कांड पाठ करवाएँ| यदि न करवाया हो प्रत्येक मंगलवार खुद यह पाठ करें|

भाग्य जगाने के टोटके/ मंत्र

1- होली से एक दिन पहले पलाश के वृक्ष को धूप दीप, नेवेद्य अक्षत आदि अपिर्तत कर निमंत्रित कर आएं। उनसे कहें कि अमुक-अमुक कष्ट के समाधान हेतु कल मैं आपकी टहनी लेकर जाउंगा/जाउंगी। अगले दिन यानि होली के दिन वह टहनी सूरज उगने से पहले ही तोड़कर ले आएं तथा पंचोपचार विधि से पूजा करें। पूजन के बाद ‘ओम वृक्षराज! वमृद्धस्त्वं त्रिषु लोकेशु वर्तसे। करू धान्य समृद्धि त्वंए क्षेत्रे कौटोधवर्जिते।।  मंत्र का 108 बार जाप करें।

2  अमावास्या के दिन किसी शांत स्थान पर दक्षिण दिशा की ओर मुख कर के बैठें। अपने सम्मुख मिट्टी के बर्तन में काला तिल और जल रखें। इसके बाद ओम पितः देवाय नमः। ओम शांति भवाह।। मंत्र का जाप 51 बार करें।