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मान सम्मान यश आदर प्राप्ति के उपाय

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मान सम्मान यश आदर प्राप्ति के उपाय

इस दुनिया में बहुत से ऐसे लोग हैं जो लज्जित रहते हैं। मान सम्मान यश आदर उनके पास नहीं हैं और कोई चारा इसलिए नहीं रह जाता क्यूंकि उन्होंने अपने जीवन में कुछ गलत कदम उठा लिए होते हैं, अब वापस नहीं जा सकते, तो फिर पुराने गल्तियों की सज़ा उन्हें भुगतनी पड़ती है। हमारे समाज में कोई भी गलत नहीं बनना चाहता सब किसी परिस्थिति का शिकार हो जाते हैं, कोई पैसे की कमी से कोई किसी और चीज़ की कमी से मान और सम्मान छोड़ कर किसी और तरफ चलता है। पर यह बात हर जगह लागू होती है की मान सम्मान सबको प्रिय है और सब उसकी आशा करते हैं।

मान सम्मान यश आदर प्राप्ति के उपाय
मान सम्मान यश आदर प्राप्ति के उपाय

तो फिर क्या तरीक़ा है मान और सम्मान प्राप्त करने का ? किस ढंग से हम काम करके अपने जीवन में सुख, समृद्धि और सम्मान ला सकते हैं? इन सवालों के सहज और सरल जवाबों का सिलसिला आज हम शुरू करेंगे। आखिर किस तरह से आप मान और सम्मान की ओर बढ़ सकते हैं? और क्या करके इनका आना बढ़ा सकते हैं? अगर आप अपना आदर और सत्कार बढ़ाना चाहते हैं तो फिर पश्चिम दिशा में बैठकर उस कार्य को करें जिसमें आप सम्मान की कामना करते हैं। यह करने से आप शुभ और मंगलदायी दिशा की ओर सर करके बैठेंगे, इस स्थिति में आपके और अच्छी कल्पनाएेँ और कार्य आकर्षित होंगे और आप इनके हक़दार बनेगे।

मान सम्मान यश आदर प्राप्ति के उपाय

ऐसा माना जाता है की गुरु ग्रह सौभाग्य, शुभ कार्य और समृद्धि तथा सम्मान बना देता है। नवग्रहों में यह ग्रह सबसे अच्छा माना जाता है और इसपर ख़ासा ध्यान रखा जाता है। ज्योतिष के बनाये हुए शास्त्रों में गुरु ग्रह से जुड़े दोषों के निवारण के लिए बहुत से उपाय लिखे गए हैं। इनमें से सबसे कारगर और अच्छा तरीक़ा है इस विधि का। आप नहाते वक़्त निम्नलिखित सामान को नहाने के पानी में मिला दें – मीठा गुड़, सोने की बनी हुई कोई वस्तु, चीनी, शहद, हल्दी, मुलेठी, नमक, पीले फूल और सरसों के दाने।

इस कार्य को करने में आपको थोड़ी तक्लीफ तो उठानी पड़ेगी क्यूंकि यह सारा सामान रोज़ इक्कट्ठा करके आपको नहाते वक़्त इस्तेमाल करना पड़ेगा। पर यह काम होगा ज़रूर, आप पाएंगे की लोग आप से प्रभावित होने लगे हैं और आपकी तूती बोलने लगी है। एक इस कार्य से सरल उपाय है, जिसमें इतना काम नहीं करना पड़ता और आपका कार्य सिद्ध भी हो जाता है। आप यूँ करें की रात को सोने से पहले एक ताम्बे का गिलास या लोटा लें, यह किसी भी पूजा की बड़ी दुकान या बर्तनों की बड़ी दूकान पर मिल जायेगा।

मान सम्मान यश आदर प्राप्ति के उपाय

अब इसे आप पानी से भर लें और इसमें थोड़ा सा, करीबन दो या तीन चम्मच शहद मिला दें। फिर इसे सर के पास रखकर सो जाएं रात भर के लिए। सवेरे उठने के बाद आप सबसे पहले भगवन का स्मरण करें और बिना कुल्ला आदि करे उस पानी और शहद के मिक्स को ताम्बे के लोटे से पी जाएं। आप यह कार्य अगले एक-दो महीने तक करते रहेँ। आप पाएंगे की आपका यश और कीर्ति बढ़ती जा रही है।

एक और इससे मिलता-जुलता और कारगर उपाय है की आप रोज़ जब सोने के लिए जाएं तो फिर ऐसा करें की एक थाल या चौड़े बर्तन में पानी भर लें। अब इस बर्तन को जहाँ आप सोयेंगे उसके नीचे रख दें, आप उसके बाद आराम से अपने बिस्तर पर लम्बी नींद सो लें।  सवेरे उठने के बाद आप उस सारे पानी को लें और घर के बाहर फेंक आएं, यह रोज़ करेंगे तो आप पाएंगे की लोग आपकी तारीफ करेंगे, आपकी कभी बेज़्ज़ती नहीं होगी और मान,सम्मान बना रहेगा।

दुर्गा सप्तशती जिसे चंडी पाठ भी कहा जाता है खरीद लाएं, यह आपको किसी भी धार्मिक विक्रेता के यहाँ गीता प्रेस से प्रकाशित ३० रुपये तक में मिल जाएगी। इसे लेकर आप इसका १२वा अध्याय खोले और उसका रोज़ाना पाठ करना शुरू कर दें। आप पाएंगे की आप काम बनता जा रहा है और आप दिन-ब-दिन एक अच्छे और यश पूर्ण व्यक्ति बन रहे हैं।

मान सम्मान यश आदर प्राप्ति के उपाय

अगर आप समाज में मान और सम्मान चाहते हैं और इसके लिए कोई प्रयोग ढूंढ रहे हैं तो सबसे पहला और सरल उपाय यह अपनाएं की शनिवार के दिन बाजरा खरीद लें – एक किलो या आधा किलो, फिर उसे घर लाकर कहीं सूखे स्थान पर रख लें। हर रोज़ सुबह आप बाजरा कबूतरों और अन्य पक्षियों को खिलाएं, आप पाएंगे की आपका सम्मान आपके समाज में बढ़ता जा रहा है और आप एक अच्छे व्यक्ति की तरह जाने जा रहे है।

एक अत्यंत कारगर विधि जिससे आप आराम से कर सकते हैं है सूर्य को अर्घ देना। यह बहुत सी परेशानियों का निवारण करता है और आपके जीवन में किसी भी बड़ी रुकावट को दूर करता है। आपको इसे करने के लिए यह करना होगा की आप एक दिन सवेरे सूर्योदय से पहले उठें, यानी ब्रह्ममुहूर्त पे, ३:३० बजे सवेरे, अब आप नहा-धो लें और पूजा कर लें, इसके पश्चात आप एक कलश में जल भरें, जहाँ तक हो सके कलश ताम्बे का रखें।

जल जो पूरा ऊपर तक भर दें की ताम्बे के लोटे में जगह नहीं बची हो। अब आप इसे लेकर बाहर जाएं जहाँ सूर्योदय हो रहा हो, वहां जाकर आप सूर्य के सामने अपने शरीर को सीधा खड़ा करें, पाँव जोड़ लें, दोनों हाथ सीधा सामने कंधे तक की ऊंचाई तक उठा लें।  अब आप कलश से पानी को इस तरह छोड़ें की जल सूर्य के गोलाकार पे गिरे और आपके हाथों से गिरे कंधे और धड़ और पाँव सीधे रहे। जल से अर्घ देते वक़्त आप मन्त्रों का प्रयोग करें – “ ओम सूर्याय नम: ओम भास्कराय नम: ओम रवये नम: ओम आदित्याय नम: “ या कहते-कहते अर्घ पूरा कर दें।  इसके पश्चात कोई और पूजा करनी चाहें तो पूजा कक्ष में जा के कर लें।

आप पाएंगे की लोग आपकी तरफ अच्छी नज़र से देखने लगेंगे और आपका सम्मान और कीर्ति इस दुनिया में बढ़ने लगेगा। समय के अर्घ अगर आप रोज़ देंगे तो लाभ अवश्य देखने को मिलेगा। आप आस्था के साथ यह कार्य करें। और कोई शंका आये तो किसी अच्छे ज्योतिषी से परामर्श कर लें या फिर किसी तांत्रिक से दीक्षा ले लें, आपके किसी भी संदेह को वह दूर कर देंगे।