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तलाक के ज्योतिषीय कारण उपाय

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तलाक के ज्योतिषीय कारण उपाय

तलाक यानी वैधानिक रुप से शादी के बाद अलगाव| भारतीय समाज में तलाक की अवधारणा कभी नहीं रही| प्राचीन काल की सामाजिक व्यवस्था भी कुछ ऐसी थी जिसमें लोग कई शादियाँ करते थे| हरे पत्नी जीवन भर साथ निभान के लिए प्रतिबद्ध होती थी| मध्य काल में सती होने की कुपरम्परा भी विकसित होने लगी|

तलाक के ज्योतिषीय कारण उपाय
तलाक के ज्योतिषीय कारण उपाय

आज भी तलाक को लेकर भारतीय समाज सहज नहीं है| इसे एक विडंबना के तौर पर ही देखा जाता है| पुरुषों के लिए फिर भी समाज में थोड़ी सी उदारता देखी जा सकती है| उनके लिए फिर से रिश्ते आने लगते हैं| लेकिन तलाकशुदा महिलाओं को यह समाज आज भी अच्छी नज़र से नहीं देखता| लोग सोचते हैं जरुर इसी में कोई खोट रही होगी| दरअसल यह इतनी भी बुरी चीज़ नहीं है| कई इंसान अपने आप में अच्छे होते हैं लेकिन अपने सहचर के लिए क्रूर बन जाते हैं| ऐसा भी नहीं कि यह क्रूरता सिर्फ पुरुष ही करते हैं| कई स्त्रियाँ भी अपनी जिद, वर्चस्व ओर क्रूरता के कारण पतियों का जीवन नरक बना देती है| एक तीसरी स्थिति है जिसमें शुरू से ही पतिपत्नी के बीच ताल मेल नहीं बैठ पाते| ऐसे दंपत्ति शिक्षित और योग्य होते हैं| अब ऐसे में किसी को यह नहीं कहा जा सकता है कि इस रिश्ते जबरदस्ती निभाना ही है| मतभेद का स्तर जब बढ़ने लगता है तब जिन्दगी से खुशियाँ कपूर की तरह उड़ जाती हैं| ऐसा बुद्धिजीवी दम्पत्तियों के बीच होता है| ऐसे लोग समझदारी दिखाते हुए एक दुसरे से अलग हो जाते हैं और जीवन भर दोस्त बने रहते हैं| उदाहरण के लिए अभिनेत्री राखी और गुलजार, वर्तमान में ऋतिक रौशन और सुजैन|

अब इस उदाहरण के सन्दर्भ में कहा जा सकता है कि ये बड़े लोग हैं, उच्च वर्ग के हैं इन्हें किसी सामाजिक तौर तरीके से लेना देना नहीं होता| इस तर्क को भी मान लें तो आज मधमम वर्ग में भी ऐसे पढ़े लिखे लोगों कि जमात तैयार हो रही है जो तलाक को हौवा नहीं समझते| जब साथ रहना मृत्यु तुल्य कष्ट दें तो अलग होना बेहतर| यह नज़रिए का प्रश्न है| साथ ही विचार करने का भी| कई लोगों ने बचपन में अपनी माँ को पिता से बुरी तरह प्रताड़ित होते हुए देखा होगा| क्या उनके मन में यह बात नहीं आई होगी कि काश मेरी माँ इस जालिम पिता के अत्याचार से मुक्त हो पाती| इस तरह अगर तलाक के कारणों पर विचार करें तो कुछ कारणों को निर्विवाद रूप से समझ सकते हैं –

पति या पत्नी अथवा दोनों का एक दूसरे के प्रति हिंसक व्यवहार|

शिक्षित पति पत्नी में अहं का टकराव

शिक्षित पति पत्नी के बीचअत्यधिक वैचारिक मतभेद

विवाहेत्तरसम्बन्ध

दोनों में से किस एक का शराबी जुआरी होना(आज के परिपेक्ष्य में हम यह नहीं कह सकते कि शराबीसिर्फ पति हो सकता है|

दंपत्ति के बीच दोनों के परिजनों का हस्तक्षेप

ये ऐसे कारण है जो आजकल ज्यादातर तलाक के कारण बन रहे हैं| ऐसी स्थिति में साथ बैठकर आपस में बात कर समस्या का निबटारा किया जा सकता है| लेकिन यह लगे कि साथ रहकर दोनों एक दूजे को सिर्फ दुःख ही दे रहे हैं तो ऐसे में तलाक समझदारी है| ऐसे में निसंदेह बच्चे त्रिशंकु में लटक जाते हैं| माता पिता दोनों कहते हैं कि मैं बच्चों से प्यार करता हूँ/करती हूँ लेकिन दरअसल वह बच्चों को दुःख ही दे रहे होते हैं| वैसेकिसी अदालत में तलाक का फैसला देते हुए बच्चों के बारे में एक जज ने कहा था कि हमेशा लड़ते झगड़ते माता पिता की बजाय प्यार करने वाले और ध्यान रखने वाले माता या पिता कोई एक ही भले|

भारतीय ज्योतिष शासन में ग्रहोंकी कुछ ऐसी स्थितियों का विश्लेषण किया जाता है जो तलाक के लिए उत्तरदायी होते हैं| वैसे तो हर इंसान जिस प्रकार अलग अलग होता है उसी प्रकार उसकी कुंडली भी ख़ास होती है| लेकिनग्रहोंके कुछ समीकरण ऐसे भी होते हैं जो यदि जन्म कुंडली में है तो प्रायः तलाक की स्थिति बनती है| जैसे-

तलाक के ज्योतिषीय कारण

अगर जन्म कुंडली में लग्न के स्वामी और चन्द्रमा से सप्तम भाव काग्रह(शुक्र) अगर पीड़ित हो तो अलगाव की संभावना बनती है|

अगर कुंडली में चौथे भाव के स्वामी छठवें भाव में स्थित होया इसके ठीक उलट छठे भाव के स्वामी चौथे भाव में आ जाएं तो तब अलगाव का मामला अदालत तक जा पहुँचता है|

राहू केतु शनि आदि क्रूर ग्रह अलगाव के कारण माने जाते हैं| अगर इन ग्रहों का प्रभाव सातवें या सातवें और आठवें दोनों भाव पर एक साथ पड़ रहा हो तो तलाक की नौबत आ जाती है|

अगरजन्म कुंडली में शनि अथवा शुक्र, राहू लग्न में स्थित हो तो अलागाव की संभावना जबरदस्त होती है|

शुक्रसे छठे, आठवेंया फिर बारहवें भाव में अगर क्रूरग्रह उपस्थित हो तो तलाक की स्थिति बनती है|

सातवेंऔर बारहवें भाव के स्वामी आपस में राशि परिवर्तन कर रहे हो या फिर दोनों में से कोई राहू के साथ परिवर्तन कर रहा हो तो यह स्थिति भी तलाक का कारणहै|

जन्म कुंडली में अगर छठे भाव के स्वामी वक्री हो तो तलाक का मामला कोर्ट में लम्बे समय तक चलता है|

अगर कोई ग्रह वक्री हो और उसकी दृष्टि शुक्र पर हो तब भी कोर्ट में मामला लम्बे समय तक अटका रहता है|

इसलिए अगर दाम्पत्य जीवन में सबकुछ ठीक न चल रहा हो तो एक बार योग्यज्योतिषीकी सलाह अवश्य लें| हो सकता है कुंडली दोष की वजह से जीवन में हलचल मच रही हो| योग्य गुरु यथेष्ट उपाय भी बताते हैं| जब कोई उपाय शेष न रहे तब कोर्ट तो है ही|